एनवीडिया और इंटेल की बड़ी साझेदारी
एनवीडिया (Nvidia) ने इंटेल (Intel) में किया 5 बिलियन डॉलर का निवेश यानी लगभग 42,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश करने का ऐलान किया है। यह साझेदारी न सिर्फ दोनों कंपनियों के लिए बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।निवेश कैसे हुआ?
एनवीडिया ने इंटेल के शेयर 23.28 डॉलर प्रति शेयर की दर से खरीदे हैं। यह मार्केट प्राइस से करीब 6.5% कम है। इस डील के जरिए एनवीडिया को इंटेल में लगभग 4% हिस्सेदारी मिलेगी।
साझेदारी का फायदा
“हमने इंटेल में निवेश करके सही फैसला लिया है। इस निवेश से हमें बहुत अच्छा रिटर्न मिलेगा।”
- इंटेल को फायदा: इंटेल अब अपने आने वाले एआई-आधारित पीसी (AI-powered PCs) में एनवीडिया की GPU टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। इससे इंटेल को मार्केट में फिर से पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।
- एनवीडिया को फायदा: एनवीडिया अब अपने डेटा सेंटर के लिए इंटेल के x86 सीपीयू का इस्तेमाल करेगी। इससे पहले एनवीडिया AMD और ARM के सीपीयू पर निर्भर थी।
“हमने इंटेल में निवेश करके सही फैसला लिया है। इस निवेश से हमें बहुत अच्छा रिटर्न मिलेगा।”
राजनीतिक और आर्थिक पहलू
यह डील ऐसे समय पर हुई है जब इंटेल कई चुनौतियों से गुजर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इंटेल के सीईओ से इस्तीफे की मांग की थी, हालांकि बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल लिया।
यह डील ऐसे समय पर हुई है जब इंटेल कई चुनौतियों से गुजर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इंटेल के सीईओ से इस्तीफे की मांग की थी, हालांकि बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल लिया।
- SoftBank ने 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया।
- अमेरिकी सरकार ने इंटेल में 9.9% हिस्सेदारी खरीदी।
- और अब एनवीडिया ने 5 बिलियन डॉलर का बड़ा दांव लगाया।
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एनवीडिया कैसे बना एआई का बादशाह?
साल 2005 में इंटेल के उस समय के सीईओ पॉल ओटेलिनी ने एनवीडिया को खरीदने का सुझाव दिया था, लेकिन इंटेल बोर्ड ने इसे ठुकरा दिया। इसके बजाय इंटेल ने "लैराबी प्रोजेक्ट" शुरू किया, जिसमें करोड़ों डॉलर खर्च हुए लेकिन 2009 में वह प्रोजेक्ट असफल हो गया।
इसी दौरान एनवीडिया ने मौका पकड़ लिया। उसने खास तौर पर मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए जीपीयू (GPU) बनाए। आज एनवीडिया का डेटा सेंटर बिज़नेस पूरी इंडस्ट्री में सबसे आगे है।
साल 2005 में इंटेल के उस समय के सीईओ पॉल ओटेलिनी ने एनवीडिया को खरीदने का सुझाव दिया था, लेकिन इंटेल बोर्ड ने इसे ठुकरा दिया। इसके बजाय इंटेल ने "लैराबी प्रोजेक्ट" शुरू किया, जिसमें करोड़ों डॉलर खर्च हुए लेकिन 2009 में वह प्रोजेक्ट असफल हो गया।
इसी दौरान एनवीडिया ने मौका पकड़ लिया। उसने खास तौर पर मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए जीपीयू (GPU) बनाए। आज एनवीडिया का डेटा सेंटर बिज़नेस पूरी इंडस्ट्री में सबसे आगे है।
आज की स्थिति
आज एनवीडिया सालाना लगभग 200 बिलियन डॉलर की कमाई कर रही है। इसके मुकाबले इंटेल की सालाना आय काफी पीछे है।
आज एनवीडिया सालाना लगभग 200 बिलियन डॉलर की कमाई कर रही है। इसके मुकाबले इंटेल की सालाना आय काफी पीछे है।
पीसी मार्केट में एनवीडिया की एंट्री
यह निवेश एनवीडिया के लिए सिर्फ डेटा सेंटर तक सीमित नहीं रहेगा। अब कंपनी पीसी मार्केट में भी कदम रख रही है। वहीं, इंटेल को एनवीडिया की AI तकनीक का फायदा मिलेगा।
इस घोषणा के बाद इंटेल के शेयरों में करीब 23% की तेजी देखने को मिली।
👉 साफ है कि यह साझेदारी टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। एक तरफ इंटेल को नई जान मिलेगी, वहीं एनवीडिया और ज्यादा मजबूत बनकर उभरेगी।
यह निवेश एनवीडिया के लिए सिर्फ डेटा सेंटर तक सीमित नहीं रहेगा। अब कंपनी पीसी मार्केट में भी कदम रख रही है। वहीं, इंटेल को एनवीडिया की AI तकनीक का फायदा मिलेगा।
इस घोषणा के बाद इंटेल के शेयरों में करीब 23% की तेजी देखने को मिली।
👉 साफ है कि यह साझेदारी टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। एक तरफ इंटेल को नई जान मिलेगी, वहीं एनवीडिया और ज्यादा मजबूत बनकर उभरेगी।
